NHM के संविदा स्वास्थ्यकर्मी अपनी मांगों पर मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री के नाम BJP के जिलाध्यक्ष को ज्ञापन सौपा
आगर के मंझधार समाचार
मुंगेली/जिले के एनएचएम (NHM) के संविदा स्वास्थ्यकर्मी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आज माननीय मुख्यमंत्री एवं माननीय स्वास्थ्य मंत्री के नाम भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष दीनानाथ केशरवानी को ज्ञापन दिया! बता दें कि एनएचएम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 18 अगस्त से बेमियादी हड़ताल पर बैठे हैं। 24 दिन बीत जाने के बावजूद सरकार और कर्मचारियों के बीच सहमति नहीं बन पाई है। इन कर्मचारियों के भरोसे ही जिले के कई आरोग्य मंदिर और शहरी स्वास्थ्य केंद्र संचालित होते हैं। इनकी हड़ताल पर जाने के चलते कई आयुष्मान आरोग्य मंदिर में ताले लटके हुए है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अधिकारीयो के हड़ताल में रहने के कारण जिले के स्कूल के बच्चों का इलाज नहीं हो पा रहा है, जिले के कई ऐसे बच्चे है जिन्हे राज्य स्तर में या राज्य से बाहर ऑपरेशन के लिये लेकर जाते वो बहुत परेशान है।
हालांकि कुछ केंद्रों के डॉक्टर ड्यूटी पर हैं, लेकिन अव्यवस्थाएं अब भी हैं!
एनएचएम संघ के कर्मचारियो ने आज अनिश्चिकालीन हड़ताल के 24वे दिन हड़ताल स्थल आगर खेल परिसर से रैली निकालकर भाजपा कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री एवं माननीय स्वास्थ्य मंत्री के नाम भाजपा जिलाध्यक्ष दीनानाथ केशरवानी को अपनी 10 सूत्रीय मांगो के सम्बन्ध मे ज्ञापन दिया! 10 सूत्रीय मांगो मे संविलियन एवं स्थायीकरण,पब्लिक हेल्थ केडर की स्थापना, ग्रेड- पे निर्धारण, कार्य मूल्यांकन (सी आर) व्यवस्था में पारदर्शिता, लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि, नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण, अनुकंपा नियुक्ति, मेडिकल एवं अन्य अवकाश की सुविधा, स्थानांतरण नीति, न्यूनतम 10 लाख तक कैशलैस चिकित्सा बीमा सुविधा शामिल है! कर्मचारियों ने बताया कि चुनाव के समय मोदी की गारंटी घोषणा पत्र मे नियमितीकरण का वादा कर हमें भरोसा दिलाया गया था. लेकिन पिछले दो वर्षों से सिर्फ आश्वासन ही मिला है.सरकार हमें झुनझुना पकड़ा रही है! जुलाई 2023 से लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ भी हम कर्मचारियों को नहीं मिल पाया है जब तक लिखित आदेश जारी नहीं होगा, हड़ताल खत्म नहीं होगी! संघ अपनी वाजिब मांगों को लेकर हड़ताल पर है और जब तक सरकार सहृदयतापूर्वक इन मांगों को लेकर विचार नहीं करती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। 24 दिनों की हड़ताल के बावजूद सरकार का कोई भी अधिकारी अब तक बातचीत के लिए सामने नहीं आया है और न ही मांगों को पूरा करने को लेकर कोई लिखित आदेश दिया गया है। यही वजह है की बेमियादी हड़ताल जारी है,
स्वास्थ्यकर्मियों का आरोप है कि सरकार उनकी जायज मांगों को नजरंदाज कर रही है। अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों ने प्रदेश भर में प्रतिदिन अलग-अलग तरह से गतिविधि कर सरकार को जगाने का प्रयास कर रही है लेकिन सरकार अभी तक कुंभाकरणीय नींद मे सोयी हुई है! यहाँ तक की विगत 24 दिनों से स्वास्थ्य सेवा ठप्प है मरीजों को भारी परेशानी हो रही है फिर भी सरकार को आम जनता की कोई परवाह नहीं है, सरकार चुप्पी साधे हुई है! कर्मचारियो ने चेतावनी दी कि मांगें पूरी नहीं हुईं तो आगामी चुनाव में सत्ता पक्ष को सबक सिखाएंगे।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों के हड़ताल का सीधा प्रभाव स्वास्थ्य सिस्टम पर पड़ रहा है। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं ठप है!
हड़ताल का सबसे बुरा असर ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों में पड़ रहा है। स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में ताले लटके हैं। सर्दी-जुकाम और बुखार जैसी मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं और मजबूरी में निजी अस्पतालों का रुख कर मोटी रकम खर्च कर रहे हैं।
ज्ञापन रैली में डॉ गीतिका, डॉ विजयलक्ष्मी, डॉ मोनिका, डॉ रुपेश,देवी साहू, अमित ठाकुर, शैलेश पिटर, कमलेश्वरी, वैभव, ओम, नम्रता, दिव्या, सुमेध, पुष्पांजलि, रुखमनी, शकुंतला, मेघा, नागेश, बलराम, रोहित, संतोष, सरिता, चन्द्रसेन, राजेन्द्र, गोविन्द सहित अनेक लोग शामिल थे।