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मांगों के समाधान हेतु कृषि अधिकारियों का तीसरे चरण का आंदोलन

नौ सूत्रीय मांगों को लेकर कृषि अधिकारी आंदोलित

आनंद गुप्ता जिला संवाददाता

लंबित मांगों को लेकर कृषि अधिकारियों का चरणबद्ध आंदोलन जारी, 23 सितम्बर को धरना-प्रदर्शन

मुंगेली / छत्तीसगढ़ कृषि विभाग के अंतर्गत कार्यरत ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं कृषि विकास अधिकारी अपनी नौ सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर लगातार चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ कृषि स्नातक शासकीय कृषि अधिकारी संघ के प्रांतीय आह्वान पर 8 और 9 सितम्बर को प्रथम चरण के तहत अधिकारियों ने काली पट्टी लगाकर कार्य किया। इसके बाद 15 सितम्बर को दूसरे चरण के अंतर्गत बिना संसाधन भत्ता के ऑनलाइन कार्यों का निष्पादन बंद कर भोजन अवकाश के दौरान अनुविभागीय अधिकारी (रा.) एवं तहसीलदार के माध्यम से शासन को ज्ञापन सौंपा गया।

संघ के जिला अध्यक्ष रामेश्वर सिंह ध्रुव ने बताया कि विगत कई वर्षों से लगातार शासन-प्रशासन से अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए ज्ञापन दिया जा रहा है, लेकिन मांगें पूरी नहीं की जा रही हैं। इस कारण कृषि विभाग में कार्यरत सभी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं कृषि विकास अधिकारियों में रोष व्याप्त है। यह मांग पूरी नहीं हुई तो चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा। इसके बावजूद शासन द्वारा अब तक उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसी कड़ी में आंदोलन के तीसरे चरण के तहत 23 सितम्बर को जिला मुख्यालय में प्रातः 11 बजे से अपराह्न 2 बजे तक एक दिवसीय अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।

 

कृषि अधिकारियों ने शासन से आग्रह किया है कि कर्मचारी एवं कृषक हित में लंबित मांगों का शीघ्र निराकरण किया जाए। संघ की प्रमुख मांगों में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों का वेतनमान संशोधन 4300 ग्रेड पे तथा RAEO/ADO कार्यक्षेत्र का पुनर्निर्धारण शामिल है। इसके साथ ही 25 सौ. रुपये मासिक स्थायी भत्ते में वृद्धि, विभागीय कार्यों के लिए मोबाइल, इंटरनेट, लैपटॉप एवं स्टेशनरी हेतु संसाधन भत्ता, अतिरिक्त प्रभार की स्थिति में सम्मानजनक अतिरिक्त क्षेत्र भत्ता और पदनाम संशोधन की मांग भी की गई है।

अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों एवं कृषि विकास अधिकारियों से विभागीय कार्यों के अलावा अनेक गैर विभागीय कार्य जैसे फसल गिरदावरी, डिजिटल क्रॉप सर्वे, ग्राम पंचायत सचिव एवं नोडल अधिकारी का कार्य, धान उपार्जन केन्द्रों की जिम्मेदारी, नाका जांच, आंगनबाड़ी केन्द्रों की जांच, प्रधानमंत्री आवास योजना सर्वे तथा विभिन्न समितियों की निगरानी जैसी जिम्मेदारियां ली जाती हैं। उनका कहना है कि इन गैर विभागीय कार्यों से मुक्ति दी जानी चाहिए ताकि वे किसानों से जुड़े कृषि कार्यों पर अपना पूरा ध्यान दे सकें।

 

इसके अतिरिक्त आदान सामग्री का भंडारण सेवा सहकारी समितियों में करने, अनुदान राशि के भुगतान हेतु डीबीटी प्रणाली लागू करने तथा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से कृषि विकास अधिकारी के पद पर लंबित पदोन्नति प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ करने की मांग भी की गई है।

छत्तीसगढ़ कृषि स्नातक शासकीय कृषि अधिकारी संघ के पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें संघ के जिलाध्यक्ष रामेश्वर सिंह ध्रुव, सचिव गिरीश उपाध्याय, संरक्षक योगेश दुबे, वरूण कुमार वर्मा, नंद कुमार बंजारा, के.एल.कोशले, उपाध्यक्ष मनोज कुमार पैकरा, धनंजय कोशले, कोषाध्यक्ष उमाशंकर बंजारा, मीडिया प्रभारी विजेन्द्र नार्गव, अरूण सोनी, सहसचिव प्रकांत बघेल, प्रवक्ता अनिल पटेल, प्रफुल्ल जायसवाल, धर्मेन्द्र वर्मा, संगठन मंत्री नान्हे राम साहू, इन्द्रकुमार माथुर, चेतन दास कुर्रे, प्रचार मंत्री लोमश साहू, प्रहलाद सिंह कंवर, संयोजक विनोद कुमार साहू, तरूण कुमार पटेल, थानूराम जायसवाल, ब्लॉक अध्यक्ष जलेश्वर घृतलहरे, धर्मराज पोर्ते, राजेश कुर्रे एवं तीनों विकासखण्ड के समस्त ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं कृषि विकास अधिकारी साथ ही ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी संघ छत्तीसगढ़ के जिला अध्यक्ष तामेश्वर जांगड़े भी शामिल रहे।

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