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खर्राघाट मेला स्थल की शासकीय भूमि पर कब्ज़ा, ग्राम पंचायत ने की सख्त कार्रवाई की मांग

खसरा नंबर 372 की मेला भूमि पर अवैध दावा,पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग तेज़

आनंद गुप्ता जिला संवाददाता

खर्राघाट मेला स्थल पर अतिक्रमण का आरोप, जनता ने संरक्षण और पर्यटन विकास की उठाई मांग

मुंगेली: ग्राम पंचायत रामगढ़ के अंतर्गत खर्राघाट मेला स्थल, जो प्राचीनकाल से धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रहा है, वर्तमान में अतिक्रमण के गंभीर आरोपों की जद में है। इस भूमि पर स्थित गणेश्वर महादेव का प्राचीन शिवलिंग, पूरे मुंगेली जिले में श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यह भूमि खसरा नंबर 372, रकबा 0.190 हेक्टेयर शासकीय भूमि है, जिसे विशेष रूप से मेला आयोजन के लिए चिन्हित किया गया है। ग्रामीणों के अनुसार यह भूमि वर्तमान में अधिग्रहीत है, फिर भी मुरारी सोनी नामक व्यक्ति द्वारा इस पर अतिक्रमण कर निजी दावा किया जा रहा है।
इस संदर्भ में ग्राम पंचायत रामगढ़ एवं क्षेत्रीय नागरिकों द्वारा कलेक्टर जनदर्शन, मुंगेली में दिनांक 01/04/2025 को शिकायत दर्ज की गई है, जिसका टोकन क्रमांक 10581 है। शिकायत में स्पष्ट रूप से मांग की गई है कि भूमि की जांच कर अवैध कब्जा हटाया जाए।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल द्वारा पूर्व में जिला कलेक्टर, मुंगेली को खर्राघाट मेला स्थल को “मिनी पर्यटन स्थल” के रूप में विकसित करने संबंधी पत्र भेजा जा चुका है। उक्त स्थल की धार्मिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्ता को देखते हुए इस स्थान को पर्यटक आकर्षण के रूप में विकसित किया जा सकता है, जिससे क्षेत्रीय विकास और रोज़गार के अवसर भी सृजित होंगे।

ग्रामवासियों ने जिला प्रशासन से निवेदन किया है कि प्रसिद्ध “विराट मेला स्थल” खर्राघाट को अतिक्रमण से मुक्त कर, इसे संरक्षित सार्वजनिक संपत्ति घोषित किया जाए तथा पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए। इससे न केवल धार्मिक धरोहर की रक्षा होगी, बल्कि मुंगेली जिले को सांस्कृतिक दृष्टि से गौरवशाली पहचान भी प्राप्त होगी।

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