Breaking News

2 साल से केवल आश्वासन ही मिल रहा है अब हमें आश्वासन नहीं आदेश

आगर के मंझधार समाचार
मुंगेली/ एनएचएम कर्मचारी संघ द्वारा नियमितीकरण, संविलियन, ग्रेड पे, लंबित 27% वेतन वृद्धि समेत 10 सूत्रीय मांगों को लेकर जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल लगातार तेज होती जा रही है। सोमवार को यह आंदोलन 29वें दिन में प्रवेश कर गया। धरना स्थल आगर क्लब परिसर मे बरसते पानी मे कर्मचारी डटे रहे! कर्मचारियों ने कहा कि विगत 2 साल से केवल आश्वासन ही मिल रहा है अब हमें आश्वासन नहीं आदेश चाहिए! माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी द्वारा 5 मांगो को पूरा करने के सम्बन्ध मे गुमराह किया जा रहा है जबकि हकीकत ये है कि इन 5 मांगो का लिखित आदेश आज तक अप्राप्त है! जब तक 5 मांगो सहित ग्रेड पे का लिखित मे आदेश जारी नहीं हो जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगा!

एनएचएम कर्मचारियों ने बताया कि वे बीते 20 वर्षों से बिना किसी स्थायी नौकरी की सुरक्षा, कम वेतन और सीमित सुविधाओं में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। कोरोना महामारी जैसी विकट परिस्थितियों में भी अपनी जान की परवाह किए बिना जनसेवा की। उन्होंने कहा कि संकट की घड़ी में सरकार ने उन्हें कोरोना वॉरियर्स कहा। लेकिन अब उनकी जायज मांगों पर लगातार अनदेखी की जा रही है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को स्वीकार कर लिखित आदेश जारी नहीं करती, आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा।
उल्लेखनीय है कि विगत 29 दिन से जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कर्मचारियों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जा रहा है! नियमितीकरण, ग्रेड पे सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी डटे हुए हैं और शासन-प्रशासन से लिखित आदेश जारी करने की मांग कर रहे हैं। हड़ताल की अवधि बढ़ते ही जिले की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सुविधा नहीं मिल पा रही है। केंद्र और राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ करने तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के सुचारू संचालन हेतु करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, किंतु एनएचएम कर्मचारियों की जायज मांगों पर सरकार के अडियल रवैये के कारण इन योजनाओं का लाभ आम जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है। प्रशिक्षित व कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों की अनुपस्थिति का सीधा असर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ रहा है। लंबे समय से चली आ रही इस लड़ाई से जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने लगी है। मरीजों को परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल की वजह से सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं के वितरण से लेकर मातृ-शिशु सेवाओं, टीकाकरण तक कई बुनियादी कार्य प्रभावित हो रहे है!

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button