जिले के समस्त पुलिस थाना चौकियों के द्वारा थाना क्षेत्रों के गांव-शहर एवं कस्बों में जाकर सार्वजनिक स्थान पर “नशा मुक्त भारत पखवाड़ा” अभियान चलाया गया
मुंगेली पुलिस के द्वारा आम जनता को पोस्टर, बैनर एवं पाम्पलेट के माध्यम से नशे के दुष्प्रभावों और खतरों के बारे मे जागरूक किया जा रहा

आनंद गुप्ता जिला संवाददाता
पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल (भा.पु.से.) के निर्देशन पर जिला मुंगेली मे “नशा मुक्त भारत पखवाड़ा” कार्यक्रम कर जागरूकता अभियान
मुंगेली / भारत सरकार की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में “नशा मुक्त भारत पखवाड़ा अभियान” के तहत एक सशक्त जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य समाज को नशीले पदार्थों से मुक्त करना, युवाओं को जागरूक करना तथा नशे की चपेट में आए व्यक्तियों को पुनर्वास की ओर प्रेरित करना है। जिले में इस पहल की अगुवाई स्वयं पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल (भा.पु.से.) कर रहे हैं, जिन्होंने जिले के समस्त थाना एवं चौकी प्रभारियों को अभियान को गंभीरता से लेते हुए व्यापक स्तर पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस अधीक्षक के निर्देशों के अनुपालन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुश्री नवनीत कौर छाबड़ा तथा जिले के सभी राजपत्रित अधिकारी अभियान की निगरानी कर रहे हैं। इसके अंतर्गत जिले के प्रमुख थाना क्षेत्र — मुंगेली, लोरमी, लालपुर, सरगांव, पथरिया, चिल्फी, जरहागांव और फास्टरपुर — में पुलिस द्वारा गांव, शहर और कस्बों में व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया गया।
स्थानीय पुलिस बल द्वारा मोहल्लों, बाजारों, विद्यालयों, हाट-बाजारों, मंदिर प्रांगण और पंचायत भवनों में जाकर पोस्टर, बैनर एवं पाम्पलेट के माध्यम से लोगों को नशे के खतरों से अवगत कराया जा रहा है। साथ ही नुक्कड़ नाटक, रैली, पब्लिक अनाउंसमेंट और सामूहिक चर्चाओं के माध्यम से भी संदेश को जन-जन तक पहुँचाया जा रहा है।
अभियान के दौरान पुलिस ने नशे के आदी व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें उपचार केंद्रों से जोड़ने की पहल की है। स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों एवं परामर्श सेवाओं की मदद से लोगों को नशा मुक्ति परामर्श, दवाइयां और पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि नशा करने वालों को अपराधी नहीं बल्कि रोगी की तरह देखा जाना चाहिए और समाज को उनके उपचार में सहभागी बनना चाहिए।
पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने आम नागरिकों से भावुक अपील करते हुए कहा:कि यह अभियान तभी सफल हो सकता है जब समाज का प्रत्येक वर्ग – अभिभावक, शिक्षक, युवा, सामाजिक संगठन और स्वयंसेवी संस्थाएं – इसमें भागीदारी निभाएं।