आनंद गुप्ता संवाददाता
सुआ लोकनृत्य में छत्तीसगढ़ की संस्कृति की दिखी झलक
श्रीराम प्रभात फेरी और हनुमान चालीसा पाठ समिति के तत्वावधान में एक दिवसीय सुआ लोक नृत्य का भव्य आयोजन
मुंगेली / जिले में पहली बार जिला स्तरीय छत्तीसगढ़ी सुआ लोक नृत्य प्रतियोगिता का भव्य अयोजन जिला स्तरीय सुआलोक नृत्य प्रतियोगिता में 58 टीमों ने पंजीयन कराया था जिसमें 50 टीमों ने प्रतिनिधत्व किया जिसके आयोजक समिति श्रीराम प्रभात फेरी और हनुमान चालीसा पाठ समिति के तत्वावधान में एक दिवसीय सुआ लोक नृत्य का कार्यक्रम आगर खेल परिसर में सम्पन्न हुआ।
छत्तीसगढ़ की सुआ लोक नृत्य कला संस्कृति पर आधारित गीत-संगीत एवं इसी तरह के पारंपरिक लोक नृत्य के आयोजन से हमें बहुत कुछ जानने और सीखने को मिलता है।
भारत देश परंपराओं का देश माना जाता है, जहां अनेकों परंपराएं आज भी प्रचलित हैं और कुछ खत्म होती जा रही है अपने-अपने क्षेत्र में इन परंपराओं का एक अलग ही महत्व होता है ऐसी ही लोक नृत्य में छत्तीसगढ़ में भी सुआ नृत्य की परंपरा है
छत्तीसगढ़ में परंपरागत तौर पर कई सारे लोक नृत्य आज भी प्रचलित हैं, जिसमें से एक सुआ नृत्य है इस नृत्य में महिलाओं और युवतियों की टोली एक बांस के बने टोकरी में धान रख कर उसमें मिट्टी का बना तोता रख कर सुआ गीत गाकर नृत्य करती है
उद्दघाटन समारोह में मुख्य अतिथि थानेश्वर साहू,
अध्यक्षता अनिल सोनी,अति विशिष्ट अतिथि में श्रीमती लेखनी सोनू चंद्राकर,संजीत बनर्जी जिला पंचायत उपाध्याय रहे।
समारोह में मुख्य अतिथि विधायक पुन्नूलाल मोहले
अध्यक्षता दिनेश सोनी,अति विशिष्ट अतिथि में लखन लाल साहू,शैलेश पाठक, नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर, उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह
नगर पालिका आदि मौजूद रहे।
नगर संयोजकश्री रामप्रभात फेरी हनुमान चालीसा पाठ परिवार छ.ग.,रामकृपाल सिंह उपाध्यक्ष श्री रामप्रभात फेरी हनुमान चालीसा पाठ परिवार छ.ग.,राजेश सिंह कोषाध्यक्ष श्री रामप्रभात फेरी हनुमान चालीसा पाठ परिवार छ.ग.,शेषपाल बैस सचिव श्री रामप्रभात फेरी हनुमान चालीसा पाठ परिवार छ.ग.,ब्रम्हदत्त त्रिपाठी सदस्य श्री राम प्रभात फेरी हनुमान चालीसा पाठ परिवार छ.ग.।
आयोजन समिति द्वारा सुआ लोकनृत्य प्रतियोगिता में प्रवेश निःशुल्क दिया गया था
अंत में प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार से सभी टीम को सम्मानित किया गया