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केसरवानी( वैश्य) समाज के द्वारा राधा कृष्ण मंदिर प्रांगण में गोत्राचार्य महर्षि कश्यप की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाया

हर वर्ष की भांति ऋषि पंचमी के सुअवसर पर कुलगुरु महर्षि कश्यप जी केसरवानी( वैश्य) समाज के द्वारा राधा कृष्ण मंदिर प्रांगण में गोत्राचार्य महर्षि कश्यप की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। की जयकारा करते हुए केसरवानी (वैश्य) समाज के तीनों समितियों केसरवानी वैश्य सभा महिला सभा एवं तरुण सभा के द्वारा महर्षि कश्यप जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
आनंद गुप्ता संवाददाता
मुंगेली/राधाकृष्ण मंदिर में आठ सितंबर को केसरवानी वैश्य समाज के द्वारा अपने गोत्राचार्य महर्षि कश्यप जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सबसे पहले महर्षि कश्यप मुनि के शैल चित्र पर धूपदीप जलाकर विधि विधान से पूजा अर्चना किया गया तत्पश्चात पुष्पहार अर्पणकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।केसरवानी समाज छोटे बड़े सभी को कश्यप जयंती में शामिल होने के लिए आग्रह किया गया। कश्यप जयंती पर केसरवानी समाज के द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भक्तिमय,संगीत,और क्विज प्रतियोगिता का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
समाज के सभी वरिष्ठ जनों ने महर्षि कश्यप जयंती को सादगी के साथ मनाये गए। इसके अलावा समाज उत्थान के लिए भी चर्चा की गई।समाज के प्रबुद्धजनों के द्वारा महर्षि कश्यप मुनि के जीवनी एवं महत्वों पर प्रकाश डालने के आलावा अपने,अपने विचार भी रखें। महर्षि कश्यप की जयंती पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में समाज के गणमान्य लोग मौजूद रहे।
प्रबुद्धजनों के द्वारा बताया गया की हमारे पूर्वज कश्मीर से आए हुए है हमारे पूर्वज कश्मीर में केसर की खेती करते थे केसरवानी जाति के लोगों का नाम केसर और वानी से मिलकर बना है. केसर का मतलब केसर होता है, जिसका वे व्यापार करते थे और वानी का मतलब कश्मीरी जाति से है.केसरवानी (वैश्य ) समाज के गोत्राचार्य महर्षि कश्यप मुनि है

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