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सफलता के लिए लक्ष्य, समर्पण और अनुशासन जरूरी – कलेक्टर कड़ी मेहनत और लगन से

कड़ी मेहनत और लगन से अपने भविष्य को संवारें विद्यार्थी - एसपी

आनंद गुप्ता जिला संवाददाता

‘पहल’’ बदलाव की शुरुआत सुरक्षा और संस्कार के साथ शिक्षक-शिक्षार्थी कार्यशाला आयोजित

मुंगेली, 25 जुलाई / बच्चों के चरित्र निर्माण, नशा मुक्ति और साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मुंगेली पुलिस द्वारा एक अभिनव पहल की शुरुआत की गई। पहल शिक्षक-शिक्षार्थी कार्यशाला के रूप में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को जिम्मेदार, अनुशासित और जागरूक नागरिक बनाना है। यह आयोजन स्वामी आत्मानंद स्कूल दाउपारा में सम्पन्न हुआ, जहां 23 स्कूलों के कक्षा 09वीं और 11वीं के विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यशाला में स्वामी आत्मानंद स्कूल और कस्तूरबा गांधी विद्यालय के छात्राओं द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़-नाटक में नशे की लत से होने वाली पारिवारिक कलह को दिखाते हुए समाज को नशामुक्ति का संदेश दिया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर कुन्दन कुमार ने बच्चों को जीवन में लक्ष्य, अनुशासन और समर्पण की अहमियत बताते हुए कहा, कि पढ़ाई में डर, ज़िद और जुनून होना सफलता की कुंजी है। ‘‘रील से दूर रहिए और रियल लाइफ में जीना शुरू कीजिए।’’ उन्होंने विद्यार्थियों से सोशल मीडिया के सकारात्मक उपयोग पर बल देते हुए अपने यूपीएससी का अनुभव साझा किए और बताया कि उन्होंने इंटरनेट का उपयोग केवल ज्ञानवर्धन के लिए किया। कलेक्टर ने उदाहरण के रूप में जिले के अर्पण जैन का उल्लेख किया, जिन्होंने हाल ही में यूपीएससी में 323 अंक अर्जित कर जिले का गौरव बढ़ाया। उन्होंने कहा कि ऐसी सफलता के लिए लक्ष्य, समर्पण और अनुशासन जरूरी है। उन्होंने बच्चों को सजग, जिम्मेदार और अनुशासित रहकर समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित किया।

पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने कहा कि ‘‘पहल’’ कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों को चयनित कर उन्हें साइबर सुरक्षा, नशा मुक्ति और अनुशासन के महत्व से परिचित कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को मोबाइल के दुरुपयोग और गलत संगत से बचना चाहिए तथा कड़ी मेहनत और लगन से अपने भविष्य को संवारना चाहिए। उन्होंने बताया कि चयनित विद्यार्थियों को स्कूल का प्रतिनिधि बनाकर अनुशासन, स्वच्छता और नैतिक मूल्यों के लिए प्रेरित किया जाएगा। यह अनुभव उनके सम्पूर्ण जीवन में उपयोगी सिद्ध होगा। इस दौरान कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को विद्यार्थियांे ने रक्षासूत्र भी बांधा। कार्यशाला के समापन में छात्राओं की सृजनात्मक अभिव्यक्ति और सामाजिक समझ को सराहते हुए कलेक्टर एवं एसपी ने प्रेरणा स्वरूप पेन भेंट कर सम्मानित किया।

बता दें कि ‘‘पहल’’ केवल नशा विरोधी अभियान नहीं, बल्कि एक सामाजिक नवजागरण की शुरुआत है। इसका उद्देश्य छात्रों को सशक्त बनाकर उनमें सामाजिक जिम्मेदारी, आत्मनिर्भरता और नैतिक मूल्यों की भावना विकसित करना है। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के समन्वय से संचालित यह कार्यक्रम आने वाले समय में हजारों विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में निर्णायक सिद्ध होगा। इस दौरान स्कूल के प्राचार्य, शिक्षकगण और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।

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