मुंगेली भाटिया शराब फैक्ट्री पर भड़के जज: हाईकोर्ट बोला- हस्तक्षेप न करें तो क्या जहर पिलाएंगे, जानिए कितने लाख का जुर्माना ?

बिलासपुर/छत्तीसगढ़ की भाटिया वाइन फैक्ट्री ने नदी में जहरीला पानी छोड़ा और इस कारण लाखों मछलियां मर गईं। इस मामले पर पर्यावरण मंडल और प्रबंधन का जवाब सुनकर चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा नाराज हो गए।
पर्यावरण मंडल ने कहा कि प्रबंधन पर जुर्माना लगाया गया है। वहीं फैक्ट्री प्रबंधन ने कमियों को दूर करने की बात कहते हुए इसे शुरू करने की अनुमति मांगी। इस पर डिवीजन बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर कोर्ट ध्यान नहीं देगा तो क्या लोगों को जहर खिलाएगा। डिवीजन बेंच ने फैक्ट्री शुरू करने का मामला पर्यावरण मंडल पर छोड़ दिया है। अब मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
भाटिया वाइन फैक्ट्री से जुड़ा मामला
पूरा मामला मुंगेली जिले के धूमा स्थित भाटिया वाइन फैक्ट्री का है। जहां नियमों को ताक पर रखकर फैक्ट्री का अपशिष्ट पदार्थ और दूषित पानी शिवनाथ नदी में छोड़ा जा रहा था। प्रदूषित और जहरीले पानी की वजह से लाखों मछलियां मर गईं। हाईकोर्ट ने इस पर मीडिया रिपोर्ट को जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू कर दी है
निरीक्षण में मिली कई खामिया
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जिला प्रशासन और आबकारी विभाग की टीम ने फैक्ट्री का निरीक्षण किया, जिसमें कई खामियां पाई गईं। फैक्ट्री में शर्तों का उल्लंघन भी पाया गया है। जांच में यह भी पाया गया है कि जिस स्थान पर फैक्ट्री का जहरीला पानी छोड़ा जा रहा था, वहां ऑक्सीजन का स्तर शून्य था।
पर्यावरण बोर्ड ने लगाया 8.70 लाख का जुर्माना
हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान पर्यावरण बोर्ड ने शर्तों का पालन न करने और प्रदूषण फैलाने पर क्षेत्रीय कार्यालय पर 8 लाख 70 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही खामियों को दूर करने को कहा।
इस पर डिवीजन बेंच ने नाराजगी जताई
इस बीच, भाटिया वाइन ने सुनवाई के दौरान बताया कि जुर्माना भरकर खामियां दूर कर ली गई हैं। इसलिए प्रबंधन के वकील ने फैक्ट्री शुरू करने की अनुमति मांगी, जिसके बाद चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच नाराज हो गई। उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करेगा तो क्या वे लोगों को जहर खिलाएंगे। कोर्ट ने कहा कि नियमों के मुताबिक पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड फैक्ट्री खोलने का आदेश जारी करने के लिए स्वतंत्र है।